जानिये नवरात्रि तारीख, समय और महत्व, किस दिन होगी कौन सी देवी स्वरूप की पूजा
हिन्दू पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को शारदीय नवरात्रि शुरू होती है. नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा इस दौरान अपने भक्तों की पुकार जरूर सुनती हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.
नवरात्रि के नौ दिन इतने शुभ होते हैं कि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं पड़ती. इसलिए घर से लेकर गाड़ियों तक और घर की इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंस से लेकर गहनों तक सबसे ज्यादा इसी दौरान खरीदारी होती है.
नवरात्रि का महत्व :
हिन्दू धर्म में नवरात्रि का खास महत्व है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार साल में चार बार नवरात्रि आती है. चैत्र और शारदीय के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी आती है. नवरात्रि के नौ दिन के दौरान मां के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धदात्री की पूजा की जाती है. पहले दिन घटस्थापना होती है और मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है.
सिद्धि और साधना की दृष्टि से देखा जाए तो शारदीय नवरात्रि का खास महत्व है. शारदीय नवरात्रि में जातक आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति के संचय के लिए अनेक प्रकार के व्रत, संयम, नियम, यज्ञ, भजन, पूजन, योग-साधना आदि करते हैं.
मां के भक्त इन नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं. नवरात्रि के 10वें दिन कन्या पूजन की जाती है और उसके बाद उपवास खोला जाता है. शारदीय नवरात्रि का खास महत्व है क्योंकि इसके 10वें दिन दशहरा भी मनाया जाता है.
Navratri 2018 Calendar: देखें किस दिन होगी किस देवी की पूजा
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