श्री भौमिया जी की आरती
ॐ जय भौमिया राजा, स्वामी जय भौमिया राजा।
बाबा जय मंगल करना, बाबा जय आनन्द करना ।।
भक्तजनों के बिगड़े, सारो सब काजा । ॐ जय...
मुकुट छत्र श्री राजे, कुण्डल छवि न्यारि स्वामी ।
नीले अश्व विराजे, झांकी अति प्यारी ।। ॐ जय...
तन केसरिया जामो, गल पुष्पन माला स्वामी ।
खड़ग हस्त मे सोहे, भाल तिलक आला ।। ॐ जय...
पहाड़ो में बण्यो देवरो, ज्योति अखण्ड जरे स्वामी ।
दूर-दूर से आवे यात्री, उनका कष्ट हरे ।। ॐ जय...
पान-सुपारी, इत्र सुगन्धित, चौला नित्य चढ़ता स्वामी ।
ध्वजा नारियल धुप दीप, नैवेद्घ भोग लगता ।। ॐ जय...
नित्य दर्शन को आते, नर-नारी स्वामी ।
निरख छवि सुख पाते, महिमा अति न्यारी ।। ॐ जय...
हो अन्न धन के दाता, दीनन हितकारी स्वामी ।
मुख में पान सुशोभित, बाबा मणि धारी ।। ॐ जय...
भक्तगण अरज करत है, हे अन्तर्यामी स्वामी ।
बेडा पार लगाओ, हो सबके स्वामी ।। ॐ जय...
ॐ जय भौमिया राजा, स्वामी जय भौमिया राजा।
बाबा जय मंगल करना, बाबा जय आनन्द करना ।।
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