मकर संक्रांति 2019 शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति, हिन्दुओं के प्रमुख पर्वों में से एक है जिसे प्रत्येक वर्ष जनवरी माह की 14 या 15 तारीख को मनाया जाता है। सूर्य हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। इसी स्थिति को संक्रांति कहा जाता है।
इस प्रकार सूर्य 12 महीनों में 12 राशियों में भ्रमण करता है जिसमे सबसे अधिक महत्व मकर संक्रांति का है। क्योंकि इस दिन से सूर्य दक्षिणायन से निकलकर उत्तरायण में आ जाता है।
मकर संक्रांति पर्व
हिन्दू धर्म मे मकर संक्रांति को एक पर्व के रूप में मनाया जाता है। जिसकी गणना सोलर कैलेंडर के आधार पर होती है जबकि अन्य सभी त्योहारों की गणना चंद्र कैलेंडर के आधार पर होती है।
मकर संक्रांति का महत्व
सूर्य कब दक्षिणायन में होता है तो उस अवधि को देवताओं की रात्रि कहा जाता है जबकि उत्तरायण के छः महीनों को देवताओं का दिन कहा जाता है। महाभारत के अनुसार, भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिए मकर संक्रांति को ही चुना था।
शास्त्रों के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन गंगा जी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थीं। इसी कारण मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और स्नान-दान का खास महत्व होता है।
मकर संक्रांति के दिन के बाद ही मौसम में परिवर्तन होने लगता है, इसलिए इस दिन के बाद रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। मकर संक्रांति के दिन दान, पुण्य, जप और धार्मिक अनुष्ठान करने का खास महत्व होता है। इस दिन गुड़, चावल और तिल का दान करना बहुत श्रेष्ठ माना जाता है।
मकर संक्रांति के दिन भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। और साथ ही गुड़, तिल, रेवड़ी, गजक आदि का प्रसाद भी बांटा जाता है। इस दिन खाये जाने वाले व्यंजनों में तिलों का प्रयोग किया जाता है। मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू, तिल पट्टी, तिलकुट खाने का खास महत्व होता है।
मकर संक्रांति 2019 मुहूर्त
2019 में मकर संक्रांति 15 जनवरी 2018, मंगलवार को है।
मकर संक्रांति पुण्य काल मुहूर्त
पुण्य काल मुहूर्त = सुबह 07:15 से 12:30 तक।
अवधि = 5 घंटे 14 मिनट
अवधि = 5 घंटे 14 मिनट
संक्रांति समय = 19:44 (14 जनवरी को)
महापुण्य काल मुहूर्त = सुबह 07:15 से 09:15 तक।
अवधि = 2 घंटे
अवधि = 2 घंटे
Post a Comment