सोमवती अमावस्या पर बन रहा है दुर्लभ संयोग जानिये शुभ मुहूर्त महत्त्व और उपाय
सोमवार को पड़ रही मौनी अमावस्या कई संकटों से मुक्ती दिला सकती है। इस अमावस्या पर यदि मौन व्रत रखा जाए तो शीघ्र विवाह निश्चित है। तिल, दूध और तिल से बनी मिठाइयों का दान दरिद्रता मिटाने वाला है। सिद्धि योग पर प्रभाव जगत के मानव मात्र पर पड़ेगा। इस बार यह अमावस्या सोमवार को है तो इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जाएगा।
इस बार अमावस्या चार फरवरी को है। वहीं अमावस्या तिथि तीन फरवरी की रात 11 बजकर 50 मिनट से ही प्रारंभ हो जाएगी जो कि पांच फरवरी को रात 2 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। सूर्योदय काल चार फरवरी को होगा इसलिए स्नान दान करना चार फरवरी को ही शुभ होगा। माघ मास समूचा ही सबसे पवित्र माघ है। यह महीना शुरू हुए लगभग दस दिन को चुके हैं। आने वाली एकादशी कृष्ण पक्ष की पंचस्नानी शुरू हो जाएगी। इसके बाद मौनी अमावस्या के दिन प्रयाग अर्द्धकुंभ का स्नान भी पड़ रहा है, अत: देश की सभी नदियों पर समान फल प्राप्त होगा।
प्रात:काल मौन रहकर संकल्प स्नान करने और सूर्य को दूध, तिल से अर्घ्य देना विशेष लाभकारी रहेगा। चार फरवरी को मौनी अमावस्या का पूर्ण काल प्रात: सूर्योदय से लेकर सायंकाल सूर्यास्त तक है। इस दिन अन्न, वस्त्र और स्वर्ण का दान अक्षय फल देना वाला है।
मौनी अमावस्या के दिन पितृ तर्पण और पितृ श्राद्ध भी अक्षय देते हैं। चंद्रमा का नक्षत्र श्रवण है और चंद्रमा का दिन सोमवार है। इस बार का संयोग यह है कि मौनी अमावस्या के दिन भगवान भास्कर भी चंद्रमा के नक्षत्र में प्रवेश कर सिद्धि योग बनाएंगे।
जो लोग उम्र भर गरीबी से त्रस्त रहे हो, संतान प्राप्ति न होती हो, व्यवसाय शुरू होते ही ठप्प पड़ जाता हो, उनके लिए मौनी अमावस्या का पर्व विशेष फल लेकर आ रहा है। ऐसे पीड़ित लोग चांदी का छोटा सा पीपल बनाकर दान करेंगे तो सारे दुर्योगों का विनाश हो जाएगा।
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