शीतला अष्टमी, बसौड़ा 2019 - जानें क्यों मां को चढ़ाया जाता है बासी प्रसाद?
शीतला अष्टमी या बसौड़ा के व्रत का खास महत्व है. इस दिन मां शीतला को बासी भोजन का प्रसाद अर्पण किया जाता है |
शीतला अष्टमी या बसौड़ा का व्रत 28 मार्च, गुरुवार को है.
व्रत विधि
इस उपवास में घर पर चूल्हा नहीं जलता. माता के प्रसाद के लिए व परिवार जनों के भोजन के लिए, एक दिन पहले ही सब कुछ पकाया जाता है. माता को सफाई काफी पसंद है इसलिए सब कुछ साफ-सुथरा होना बेहद आवश्यक है.
इस उपवास में घर पर चूल्हा नहीं जलता. माता के प्रसाद के लिए व परिवार जनों के भोजन के लिए, एक दिन पहले ही सब कुछ पकाया जाता है. माता को सफाई काफी पसंद है इसलिए सब कुछ साफ-सुथरा होना बेहद आवश्यक है.
इस दिन प्रात: काल उठें. स्नान करें. व्रत का संकल्प लेकर विधि-विधान से मां शीतला की पूजा करें. पहले दिन बने हुए यानि बासी भोजन का भोग लगाएं. साथ ही शीतला सप्तमी-अष्टमी व्रत की कथा सुनें.
जानें क्यों मां को चढ़ाया जाता है बासी प्रसाद?
इस दिन के बाद से बासी खाना खाने की मनाही होती है. क्योंकि इस व्रत के बाद गर्मियां शुरू हो जाती हैं, इसलिए बासी भोजन से बीमार होने का खतरा रहता है.
Post a comment