प्रदोष व्रत 2019 का महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पूजन सामग्री
प्रदोष व्रत एक ऐसा व्रत है जिसे करने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। यह व्रत प्रत्येक मास की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है। इस माह यह व्रत 17 अप्रैल 2019 यानि बुधवार के दिन पड़ रहा है। इस व्रत को प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को रखा जाता है। इस व्रत को विधि -विधान से करने पर मनुष्य के जीवन की सभी इच्छांए पूर्ण होती है।
प्रदोष व्रत का महत्व
यह व्रत प्रत्येक माह में सप्ताह के अलग -अलग दिन पड़ता है जिसका अपना विशेष महत्व है। प्रदोष व्रत को करने से हर प्रकार के दोष मिट जाते हैं।
1. रविवार के दिन प्रदोष व्रत रखने वाला सदैव निरोग रहता है।
2. सोमवार के दिन व्रत करने से सभी इच्छांए पूर्ण होती है।
3. मंगलवार को प्रदोष व्रत रखने से सभी रोगों से मुक्ति मिलती है।
4. बुधवार के दिन इस व्रत का पालन करने से सभी प्रकार की कामना सिद्ध होती है।
5. . बृहस्पतिवार के व्रत से शत्रु बाधा समाप्त होती है।
6. शुक्रवार को प्रदोष व्रत से सौभाग्य की वृद्धि होती है।
7. शनिवार को प्रदोष व्रत से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
17 अप्रैल 2019 बुधवार रात 1:26 से सुबह 10:24
पूजन के लिए सामग्री
भोले की उपासना के लिए पूजन शुरू करने से पहले तांबे का पात्र, तांबे का लोटा, दूध, अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, चावल, अष्टगंध, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, चंदन, धतूरा, अकुआ के फूल, बिल्वपत्र, जनेऊ, फल, मिठाई, नारियल, पंचामृत, पान और दक्षिणा एकत्रित कर लें।
प्रदोष व्रत की पूजा विधि
सबसे पहले रंगों की सहायता से रंगोली बनानी चाहिए।
पूजा करते समय साधक को कुश के आसन का इस्तेमाल करना चाहिए।
उत्तर-पूर्व की दिशा में मुंह करके भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का पाठ करते हुए शिवलिंग पर दूध और जल अर्पित करना चाहिए।
व्रत के दौरान कुछ भी नहीं खाना चाहिए।
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