सावन सोमवार के दिन सभी कष्टों से मुक्ति पाने के लिए करे ये खास उपाय
भगवान शिव की पूजा और साधना कृपा बरसाने वाली होती है। शिव जी को प्रसन्न करने के लिये पार्थिव लिंग पूजन का विशेष महत्व होता है। कलयुग में कूष्माण्ड ऋषी के पुत्र मंडप नें पार्थिव पूजन प्रारम्भ किया। शिव महापुराण के अनुसार पार्थिव पूजन से धन, धान्य, आरोग्य और पुत्र की प्राप्ति होती है। पार्थिव पूजन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है।
शिव जी की अराधना के लिए पार्थिव पूजन सभी लोग कर सकते हैं, फिर चाहे वह पुरुष हो या फिर महिला। यह सभी जानते हैं कि शिव कल्याणकारी हैं। जो पार्थिव शिवलिंग बनाकर विधिवत पूजन अर्चना करता है, वह दस हजार कल्प तक स्वर्ग में निवास करता है।
शिवपुराण में लिखा है कि पार्थिव पूजन सभी दुःखों को दूर करके सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है। यदि प्रतिदिन पार्थिव पूजन किया जाय तो इस लोक तथा परलोक में भी अखण्ड शिव भक्ति प्राप्त होती है। आइये इस विषय पर जाने-माने ज्योतिष के जानकार सुजीत जी महाराज से जानते हैं कि पार्थिव पूजा कैसे करनी चाहिए।
जानें, कैसे करते हैं पार्थिव पूजन और इससे क्या लाभ मिलते हैं
पार्थिव पूजन करने से पहले पार्थिव शिवलिंग बनाइए। इसको बनाने के लिए किसी पवित्र नदी या तालाब की मिट्टी लें। फिर उस मिट्टी को पुष्प चंदन इत्यादि से संशोधित करें। मिट्टी में दूध मिलाकर शोधन करें।
शिवलिंग बनाने के बाद करें इन देवों की पूजा
शिवलिंग बनाने के बाद श्री गणेश जी, श्री विष्णु जी, नव ग्रह और माता पार्वती आदि का आह्वान करना चाहिए। फिर विधिवत तरीके से षोडशोपचार करना चाहिए।
परम ब्रम्ह मानकर करें पूजा और ध्यान
पार्थिव बनाने के बाद उसे परम ब्रम्ह मानकर पूजा और ध्यान करें। पार्थिव शिवलिंग समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करता है। सपरिवार पार्थिव बनाकर शास्त्रवत विधि से पूजन करने से परिवार सुखी रहता है।
रोग से पीड़ित लोग करें महामृत्युंजय जाप
पार्थिव के समक्ष समस्त शिव मंत्रों का जप किया जा सकता है। रोग से पीड़ित लोग महामृत्युंजय मंत्र का जप भी कर सकते हैं। दुर्गासप्तशती के मंत्रों का जप भी किया जा सकता है। पार्थिव के विधिवत पूजन के बाद उनको श्री राम कथा भी सुनाकर प्रसन्न कर सकते हैं।
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