गणेश चतुर्थी 2019 शुभ मुहूर्त ,महत्व और पूजा विधि
साल 2019 में गणेश चतुर्थी यानी गणेश भगवान का जन्मोत्सव 2 सितंबर दिन सोमवार को मनाया जायेगा। इस दिन कई लोग अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं और 9 दिनों तक उसका पूजन करने के बाद 10वें दिन उस मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। इस बार विसर्जन की तारीख 12 सितंबर है। मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को सोमवार में मध्याह्न काल में, स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में हुआ था। इसलिए गणेश चतुर्थी के दिन मध्याह्न काल यानी दोपहर के समय भगवान गणेश की पूजा करना शुभ माना गया है।
2 सितंबर के दिन मध्याह्न गणेश पूजा सुबह 11:04 बजे से दोपहर 1:37 तक रहेगी। पूजा की अवधि 2 घंटे 32 मिनट तक रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि का मुहुर्त आरंभ सुबह 4 बजकर 56 मिनट से शुरू होगा।
तो वहीं चतुर्थी तिथि समाप्ति का मुहूर्त 3 सितंबर 2019 रात 1:53 मिनट तक रहेगा।
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त
2 सितंबर के दिन मध्याह्न गणेश पूजा सुबह 11:04 बजे से दोपहर 1:37 तक रहेगी। पूजा की अवधि 2 घंटे 32 मिनट तक रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि का मुहुर्त आरंभ सुबह 4 बजकर 56 मिनट से शुरू होगा।
तो वहीं चतुर्थी तिथि समाप्ति का मुहूर्त 3 सितंबर 2019 रात 1:53 मिनट तक रहेगा।
गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी का दिन हिंदू धर्म के लोगों के लिए खास महत्व रखता है। इसलिए भारत में भगवान गणेश के जन्मोत्सव को बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है। खासतौर पर महाराष्ट्र राज्य में इस दिन अलग ही रौनक देखने को मिलती है। यहां गणेश चतुर्थी के पर्व को गणेशोत्सव के नाम से जाना जाता है। कई जगह लोग गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते हैं और 9 दिनों तक उसका पूजन करने के बाद 10वें दिन भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश अपने भक्तों के सारे कष्ट दूर कर देते हैं।
गणेश चतुर्थी पूजा विधि
गणेश चतुर्थी के दिन घर पर भगवान गणेश की प्रतिमा या मूर्ति लेकर आएं। गणपति की मूर्ति के नीचे लाल कपड़ा बिछाएं। और सही दिशा में इनकी स्थापना करें। उसके बाद भगवान गणेश को दीपक दिखाएं और भोग में मोदक के लड्डू चढाएं। शाम के समय भगवान गणेश की पूजा करने के बाद उनकी आरती उतारें। भगवान गणेश की 9 दिनों तक ऐसे ही पूजा करें। फिर दसवें दिन उनकी विधि विधान से पूजा कर उनकी प्रतिमा का विसर्जन कर दें।
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